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स्वरोदय विज्ञान

योगीराज यशपाल जी

प्रकाशक : रणधीर प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :181
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17156
आईएसबीएन :0

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"श्वास के रहस्यों की खोज : स्वरोदय का विज्ञान"

स्वरोदय : नाक के छिद्रों से ग्रहण किया जाने वाला श्वांस जो वायु के रूप में होता हैं। श्वास ही जीव का प्राण हैं और इसी श्वांस को स्वर कहा जाता है। स्वर के चलने की क्रिया को उदय होना मानकर स्वरोदय कहा गया है।

विज्ञान : जिसमें कुछ विधियाँ बताई गई हों और विषय के गूढ़तम रहस्य को समझने का प्रयास हो उसे विज्ञान कहा जाता है। प्रस्तुत पुस्तक में नाक के दोनों छिद्रों द्वारा लिए जाने वाले श्वांस की विविध उपयोगी बातें बताई गई हैं। इस विधि की उपयोगिता के विषय में शिवजी, पार्वती से कहते हैं कि अनेकों जन्मों में किए गए शुभ कर्मों से ही व्यक्ति को ‘स्वरोदय विज्ञान’ को जानने की इच्छा होती है।

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